पीलीभीत: डॉक्टर्स डे यानी एक जुलाई के दिन पीलीभीत के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नूरुल कमर मलिक ने फ्लाइट में दो साल की बच्ची की जान बचाकर अपने पेशे की गरिमा को कायम रखा। बेंगलुरु से बरेली जा रही इंडिगो की फ्लाइट के उड़ान भरने के करीब एक घंटे बाद बैठी बच्ची को दौरा पड़ा . जो कि सीट 10एफ पर बैठी बिस्किट खा रही थी, जो उसके गले में फंस गया और सांस की नली में रुकावट के कारण वह बेहोश हो गई। चालक दल के सदस्यों ने इमरजेंसी घोषित कर मदद के लिए फोन किया। उसी फ्लाइट में मौजूद डॉ. नूरुल ने तुरंत बच्ची को देखा। अपनी सूझबूझ और अनुभव से उन्होंने बच्ची की सांस की नली खोली और दौरे को नियंत्रित किया। बच्ची कुछ ही मिनटों में होश में आ गई। डॉक्टर की तत्परता से न सिर्फ बच्ची की जान बच गई, बल्कि फ्लाइट को इमरजेंसी लैंडिंग से भी बचाया जा सका। यात्रियों और चालक दल के सदस्यों ने ताली बजाकर डॉ. नूरुल का आभार जताया। डॉ. नूरुल ने हाल ही में कार्डियोलॉजी में अपनी विशेषज्ञता पूरी की है और अब पीलीभीत और बरेली में प्रैक्टिस करेंगी। उन्होंने जिला महिला अस्पताल में भी काम किया है और नवजात शिशु की देखभाल में विशेषज्ञता हासिल की है। डॉक्टर ने कहा कि उड़ान के दौरान बच्चों को ठोस भोजन देने से बचना चाहिए। अगर डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं होते, तो बच्चे की जान जा सकती थी। यह घटना न केवल डॉक्टर की संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि डॉक्टर्स डे को और भी यादगार बनाती है।
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