तुर्किए और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42% की बड़ी गिरावट, पाकिस्तान प्रेम पड़ रहा भारी

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के घटनाक्रमों के बाद भारतीयों द्वारा तुर्किए और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। वीजा आवेदन से जुड़े प्लेटफॉर्म एटलीस ने मंगलवार को ये जानकारी दी। कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने सैलानियों को निशाना बनाया था। इस आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। भारत की इस कार्रवाई में तुर्किए और अजरबैजान दोनों ही देशों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को समर्थन दिया था।

एटलीस ने कहा कि भारतीय यात्रियों ने तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा से बचने का फैसला करके तेजी से प्रतिक्रिया दी है। इस प्लेटफॉर्म ने कहा कि सिर्फ 36 घंटों के भीतर 60 प्रतिशत यूजर्स ने वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ दिया। इस गिरावट में बड़ा हिस्सा दिल्ली और मुंबई जैसे देश के महानगरों में रहने वाले यात्रियों का था, जहां तुर्किए जाने वाले आवेदनों में 53 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी ओर, इंदौर और जयपुर जैसे दूसरी कैटेगरी के शहरों में 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी, जब जनवरी-मार्च के दौरान तुर्किए और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में सालाना आधार पर 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि, अब तुर्किए और अजरबैजान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में पड़ोसी देश को सपोर्ट करना भारी पड़ रहा है। बताते चलें कि भारत से हर साल भारी संख्या में लोग घूमने के लिए तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा करते हैं। लेकिन, इन दोनों देशों के रवैये को देखते हुए भारतीयों ने तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा पर जाने से परहेज करने का फैसला किया है।

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