प्रयागराज : ‘जिस जगह बम गिर रहे थे, वह कुम शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर था। हमारी सांसें अटकी हुई थीं। हमें उम्मीद नहीं थी कि हम जिंदा अपने वतन लौट पाएंगे। हमारे पास जरूरी दवाएं और सामान खत्म हो गए थे। हमारे जत्थे में कई गंभीर रूप से बीमार बुजुर्ग भी थे।’ यह कहना है प्रयागराज के दरियाबाद मोहल्ले के वजाहद हुसैन का, जो 90 तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ तीर्थयात्रा के लिए प्रयागराज से ईरान गए थे। इजराइल-इराक युद्ध के बीच फंसे भारतीयों के लिए केंद्र सरकार…
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